KASHI Lyrics
- Genre:New Age
- Year of Release:2022
Lyrics
मै रम गया तेरी काशी में
मैं रम गया तेरी काशी में
मन साधु हुआ
मन साधु हुआ
बन गया सन्यासी मै
मैं रम गया तेरी काशी में
जो आनंद है तेरे घाटों में
माथा झुकता है
काशी कपाटों में
वैरागी हुआ
वैरागी हुआ..
जो प्रीत लगी अविनाशी में
मैं रम गया तेरी काशी में
मन साधु हुआ
मन साधु हुआ
बन गया सन्यासी मै
मैं रम गया तेरी काशी में
छोड़े महल ये रेशमी धागों के
नींदे मीठी हैं ,गंगा के घाटो में
मल्हारी हुआ
मल्हारी हुआ
मैं रम गया चौरासी में
मै रम गया तेरी काशी में
मन साधु हुआ
मन साधु हुआ
बन गया सन्यासी मै
मैं रम गया तेरी काशी में